अलवर के थानागाजी से कौन होगा रवाना कौन बनेगा गाजी

अलवर के थानागाजी से कौन होगा रवाना कौन बनेगा गाजी




अलवर का थानागाजी सरिस्का को लेकर अक्सर चर्चा में रहता है लेकिन इस बार विधानसभा चुनावों को लेकर चर्चा में है। यहां भाजपा में मंत्री पद का सुख भोगने वाले दो नेता भी मैदान में हैं और कांग्रेस ने युवा और स्थानीय को मैदान में उतारा है। निर्दलीय चुनाव लड़ रहे कांती मीणा ने भी पार्टी प्रत्याशियों की धड़कनें बढ़ा रखी हैं।

पिछले दोनों चुनावों में कान्ती मीणा दूसरे स्थान पर

Kanti Meena


थानागाजी वही विधानसभा क्षेत्र है जहां का सरिस्का दुनिया भर में खबरों में रहता है। यहां बीते चुनाव में भाजपा के हेमसिंह भड़ाना ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की थी और कांग्रेस प्रत्याशी उर्मिला योगी तीसरे स्थान पर रही थी। एनपीपी से चुनाव लड़ने वाले कांती मीणा सिर्फ 3732 मतों से पराजित हुए थे। खास बात ये कि 2008 के चुनाव में भी कांती मीणा निर्दलीय रहते हुए हेमसिंह भ़ड़ाना से सिर्फ 1295 मतों से पराजित हुए थे। लेकिन बीते 25 साल से थानागाजी में राजनीति कर रहे हेमसिंह भ़ड़ाना का टिकट पार्टी ने मंत्री रहते भी काट दिया और भड़ना इस चुनाव में निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं वे कहते हैं कि यहां पार्टियों को जनाधार नहीं है और वे जनता के टिकट पर विधानसभा पहुँचेंगे। लेकिन भाजपा से टिकट पाने वाले डा. रोहिताश्व शर्मा मानते हैं कि पार्टी ने एक रणनीति के तहत उन्हें थानागाजी से उतारा है। 

Dr Rohitashav Sharma

खूब जीतते रहे हैं पार्टियों के उम्मीदवार

थानागाजी में अब तक सात बार कांग्रेस, 4 बार भाजपा और तीन बार में निर्दलीय,जेएनपी और एसडब्ल्यूए के प्रत्याशियों ने बाजी मारी है। जो मतदाताओं के पार्टियों के प्रति रुझान बताता है। थानागाजी विधानसभा में एक लाख 95 हजार से ज्यादा मतदाता हैं जो 230 बूथों पर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। 68 बूथ ऐसे हैं जो संवेदनशील हैं और 18 बूथों पर लाइव वैब कास्टिंग की जायेगी। 2013 के विधानसभा चुनाव में यहां करीब 79 प्रतिशत मतदान हुआ था। कई बूथों पर 96 फिसदी मतदान भी होता है। यहां गुर्जर और मीणा मतदाताओं के अलावा पण्डित और योगी मतदाता खासी संख्या में हैं। हेमसिंह भड़ाना और कांती मीणा को जातिगत वोटों का लाभ मिलता है। कांती मीणा कहते हैं कि विकास पुरुष कहलवाने वाले हेमसिंह भड़ाना को जनता 7 दिसम्बर को जवाब दे देगी।

जीत का अन्तर होता है कम

Sunil Sharma (bohra)- congress candidate
थानागाजी में हार-जीत का अन्तर ज्यादा नहीं होता है। आधा दर्जन से ज्यादा बार 5000 से भी कम वोटों से जीत दर्ज हुई है। 1993 में तो भाजपा के रमाकान्त शर्मा सिर्फ 129 मतों से जीते थे।

Hemsingh Bhadana

अपने-अपने समर्थक, अपने-अपने नारे

कांती मीणा के समर्थक नारे लगा रहे हैं.. हरिओम शान्ति..अबकि बार कान्ती… और कान्ती मीणा मुस्कराकर रह जाते हैं जो बताता कि वे कितना आत्मविश्वासी हैं। उधर विकास पुरुष बताते हुए हेमसिंह भड़ाना के समर्थक वोट मांग रहे हैं और डा. रोहिताश्व शर्मा खुद को चुनावी जोड़-तोड़ का रणनीतिकार मानते हैं। कांग्रेस के प्रत्याशी स्थानीय और युवा होने के कारण खुद को जिताऊ मान रहे हैं। लेकिन थानागाजी का चुनाव दिलचस्प हो चला है अभी मतदान के दिन तक मतदाता का क्या मन बनेगा, कहना मुश्किल है।

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