जेल बाहर आते ही आरोपी का मिठाई और मालाओं से स्वागत
राजस्थान में अलवर जिले के रामगढ़ उपखण्ड के ललावंडी गांव में हुई मॉब लिंचिंग के मामले में तीसरे आरोपी धर्मेंद्र यादव की जमानत हो गई है। धर्मेन्द्र जेल से बाहर आ गया है जिसके स्वागत के लिए साथी और परिजन सैन्ट्रल जेल के बाहर मौजूद रहे। ललावन्डी गांव के पास से रात में गाय को ले जा रहे दो लोगों को गौ तस्करी के आरोप में रोका गया था जिसमें से एक भागने में कामयाब हो गया था जबकि दूसरा अकबर उर्फ रकबर के साथ भीड़ ने मारपीट की थी और पुलिस को सौंप दिया था। हत्या के मामले में जेल काट रहे धर्मेन्द्र को आज जमानत मिल गई और जेल से बाहर आ गया। जेल से बाहर आने पर स्वागत किया गया और मिठाई भी खिलाई गई। समर्थकों ने जय श्री राम के नारे लगाये।
धर्मेन्द्र बोला- जो हुआ सही हुआ
रकबर के साथ मॉब लिंचिंग हुई थी। ललावडी गांव के जिस खेत में मारपीट की गई थी वह धर्मेन्द्र का था। रात्री में गाय ले जाते हुए रकबर को पकड़ा गया और मारपीट हुई उसके बाद पुलिस रकबर को थाने लाई। रकबर की मौत के बाद देश भर में खूब हंगामा हुआ । रकबर और उसके साथी पर गौ तस्करी का आरोप था और 5 लोगों पर मारपीट का आरोप था। इन्हीं पांच में से एक धर्मेन्द्र ने कहा कि जो हुआ वह सही हुआ, गौ तस्करी करने वालों का यही हश्र होना चाहिए।
धर्मेन्द्र |
पांच में से तीन की हो चुकी है जमानत
मॉब लिंचिग के मामले में गिरफ्तार किये गये पांच आरोपियों में से तीन की जमानत हो चुकी है। जो परमजीत, नरेश औऱ धर्मेंद्र है जबकि दो आरोपी नवल और विजय अभी जेल में है। आरोपी धर्मेंद्र जमानत पर आज ही जेल से बाहर आया है। सबसे आखिरी में नवल को गिरफ्तार किया गया था
न्यायपालिका में जता रहे विश्वास
आरोपी धर्मन्द्र ने कहा कि न्यायपालिका पर उनका विश्वास है इस घटना में वह शरीक नहीं थे उन्होंने कोई मारपीट नहीं की। उनका खेत था इसलिए उन्हें आरोपी बनाया गया। देर सवेर वो इस मामले मे निर्दोष साबित होंगे। उसने कहा कि हम निर्दोष होते हुए भी जेल काट रहे हैं और जो लोग गाय की तस्करी कर रहे थे और पहले भी मामले दर्ज हैं वो आजाद घूम रहे हैं। इसी मामले में मृतक का साथी आजाद है।
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