अलवर में आज अवैध खनन में एक ओर जान चली गई है…. बीते कुछ सालों में कई दर्जन मौतें सिर्फ अवैध खनन के कारण हुई हैं और सुप्रीम कोर्ट ये कहता है कि अरावली में अवैध खनन नहीं होना चाहिए। सख्त आदेश हैं लेकिन जुलबन्दी में आदेश थोड़े ढीले पड़ जाते नजर आते हैं। जिला मुख्यालय से सटा हुआ जटियाना गांव हैं जहां लम्बे समय से पहाड़ रोककर खानें बनाई गई और खनन किया जा रहा है, कानूनन अवैध है लेकिन गांव के लोगों के साथ ही पुलिस को भी आमदनी हो रही है। मृतक कमल हरिजन के सौरव और गौरव दो बेटे हैं और इनकी दादी ये सोचकर चित्कार कर रही हैं कि अब इनका कौन…
ट्रैक्टर से होती है अवैध पत्थर की सप्लाई
अवैध खनन के बाद ट्रैक्टर-ट्राली भरने के लिए 400 रुपये दिये जाते हैं और मजदूर इस पैसे को आपस में बांट लेते हैं दिन में 5-6- ट्राली आराम से हिस्से आ जाती हैं और दिनभर की दिहाड़ी बन जाती है। ये ट्रैक्टर चालक इसे शहर और आसपास के इलाकों में 2000 से ज्यादा रुपये में बेच देते हैं। गांव के साथ ही आसपास के ग्रामीणों ने भी ट्रैक्टर अवैध खनन के परिवहन में लगा रखे हैं।
मौत के बाद विरोध
हादसा हो जाने के बाद मृतक के परिजनों ने खान बन्द कराने की मांग रखी और कई घण्टे शव को नहीं उटाने दिया। लेकिन इससे पहले मृतक खुद ही अवैध खनन में सहयोगी था और यहीं काम करते वक्त कभी विरोध नहीं जताया। अवैध खनन की खानों में संसाधनों और सुरक्षा उपकरणों की मौजूदगी का सवाल ही नहीं है।
जिलेभर में अवैध खनन
अलवर जिले में अरावली पर्वत श्रंखला है और सुप्रीम कोर्ट ने अवैध खनन पर रोक लगाई हुई है। जिसके जिम्मेदार जिला कलक्टर और पुलिस अधीक्षक हैं लेकिन भिवाड़ी किशनगढ़बास समेत सरिस्का के क्षेत्र में भी अवैध खनन जारी है। पिछले दिनों जिले के भाजपा विधायक ने विधानसभा में अवैध खनन के कारण सड़कें टूट जाने की बता उठाई थी।
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