यहां जुटी है किन्नर समाज की अदालत

किन्नर समाज की अदालत में 350 पंच कई मामलों का करेंगे फैसला

अलवर में किन्नर समाज का अखिल भारतीय सम्मेलन चल रहा है जो 14 नवम्बर तक चलेगा। देशभर से किन्नर यहां जुटे हैं और शहर में चाक कार्यक्रम के तहत जुलूस भी निकाला गया। जिसमें नाचते गाते लोग शहर भर से निकले। एक मैरिज होम में आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम में देशभर से 350 पंच जुटे हैं जो किन्नर समाज की विभिन्न समस्याओं पर सुनवाई करेंगे। किन्नर समाज की कुलदेवी बौचरा माता की कथा भी कर रहे हैं। अभी और लोगों का आना जारी है और 11 नवम्बर तक सभी यहां आने वाले किन्नर आ चुके होंगे। 


यहां पंचों के सामने होगी मामलों की सुनवाई

किन्नर समुदाय में गुरु और शिष्य की परम्परा का पालन किया जाता है। किसी भी समस्या को लेकर अखिल भारतीय सम्मेलन में जुटने वाले पंच ही सुनवाई करते हैं और मौके पर ही समस्या का निस्तारण करते हैं। हां सबको खुद की समस्या खुद ही रखनी होती है। नये बच्चों के बिगड़ जाने का डर इन्हें भी होता है इसलिए नैतिकता और पुरातन परम्पराओं का पाठ भी यहीं पढ़ाया जाता है। 

सम्मेलन में बनाये जाते हैं रिश्ते

किन्नर की शादी नहीं की जाती है और उसे गुरु के साथ रहना होता है लेकिन ऐसे कार्यक्रमों के दौरान उनके द्वारा विशेष श्रृंगार किया जाता है। सम्मेलन में ही कोई किसी को बहन या किसी अन्य रिश्ते से बांध लेता है और ताउम्र उसे निभाता भी है। नये बच्चों के आगमन को लेकर सरिता बैई किन्नर कहती हैं कि हमें ईश्वर ने इस लायक नहीं बनाया लेकिन काफी लोग गर्भपात कराते हैं उनसे हम कहते हैं कि बच्चा हमें दे दो पाल देंगे। किन्नर बच्चा होता है तो किन्नरों के साथ रहता है उसकी पुरामों और धार्मिक ग्रन्थों में जोड़ी बनाये जाने का जिक्र नहीं मिलता । हां नर या नारी के रूप में कोई बच्चा आता है तो उसकी शादी सामान्य समाज में कर देते हैं। जो बच्चे को पालता है वो उसका गुरु होता है लेकिन किन्नर समाज के नियम कायदे लागू होते हैं।


यहां धर्म के पार हैं सब

किन्नर समाज में कोई किसी भी धर्म के मानने वाले का बच्चा किन्नर हुआ हो, वह किन्नर समाज की परम्पराओं को ही निभाता है। यहां हिन्दू या मुस्लिम या किसी दूसरे धर्म में बांध कर नहीं रखा जाता। हां कुलदेवी की पूजा जरूर की जाती है।

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