मुख्यमंत्री ने 17 विधानसभाओं में किया जनसंवाद
राजस्थान प्रदेश की मुखिया वसुन्धरा राजे ने प्रदेश की 17 विधानसभाओं में जनसंवाद का कार्यक्रम पूरा कर लिया है। अलवर के किशनगढ़ बास विधानसभा इन 17 विधानसभाओं में अन्तिम थी जहां जनसंवाद के बाद गुरुवार को मुख्यमंत्री जयपुर लौटी। अब सभी विधानसभाओं के लोगों को धरातल पर काम दिखने का इन्तजार है।
अलवर, अजमेर और मांडलगढ़ में उपचुनाव
दो लोकसभा क्षेत्रों और एक विधानसभा में उपचुनाव होना है। उपचुनाव की आहट से ही सत्ताधारी दल एक्टिव मोड में आ गया था और मुख्यमंत्री ने अलग अलग समाज से वार्ता करने और समस्याओं को जानने के साथ ही निराकरण का एक ब्लूप्रिंट तैयार किया था जिसके तहत भाजपा उपचुनाव में पॉजिटिव परिणाम चाहती है।
सम्भाग और जिले में सरकार पर भारी जनसंवाद
मुक्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने सरकार आने के बाद सम्भाग में सरकार के दौरे शुरु किये थे और उसके बाद जिलों में सरकार ने जाकर समस्याओं े रुबरु होने का प्लान किया था लेकिन दोनों ही प्लान जनसंवाद के सामने फीके नजर आये। भाजपा के आला पदाधिकारी की मानें तो मुख्यमंत्री ने जनसंवाद के आइडिया को बेहतर बताया है और जो परिणाम पहले नहीं आ पाये , अब नजर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री प्रदेश की 150 विधानसभाओं में जनसंवाद कार्यक्रम करने का प्लान तैयार कर रही हैं।
अब प्रशासन के जिम्मे है जनसंवाद की सफलता और असफलता
मुख्यमंत्री ने जनसंवाद के दौरान खूब वादे किये और कई विधानसभाओं में तो नई घोषणा भी की, जो आगामी बजट में की जा सकती थी। लेकिन उपचुनाव बजट पर भारी है और जनता में सकारात्मकता की भावना पैदा करना अभी उद्देश्य है। पूरा दारोमदार जिला प्रशासन पर है कि किस तरह से इन वादों को पूरा करने का प्रयास करता है। हालांकि मुख्यमंत्री ने जनसंवाद के दौरान जिला प्रशासन को भी साथ रखा था और मौके पर ही बड़ी-बड़ी फाइलें प्रशासन ने बना ली। अब मॉनिटरिंग सेल कामों को लेकर दिन-रात जुटी है।
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