अलवर में भाजपा के दोनों डॉक्टर कौनसा ऑपरेशन कर रहे हैं
जिला भाजपा में कई दिनों से धुँधली पड़ चुकी तस्वीर अब कुछ साफ दिखाई देने लगी है। अलवर एनसीआर में है और बात को घुमा के कहें तो ये एनजीटी का असर लगता है। सरकार में ओहदा-ओहदा खेलते वक्त एक नजर आ रहे नेता सही में एक हैं नहीं। वे हर कदम फूंक फूंक कर रख रहे हैं। एक डाक्टर ने खूब कोशीश की कि दूसरे डॉक्टर को टिकिट ना मिले। लेकिन अब जब ये पार्टी स्तर पर तय हो गया है कि टिकिट दूसरे डॉक्टर को मिल रही है तो पहले डॉक्टर ने अपनी चालें बदल दी हैं।
कौन अपना- कौन पराया
चुनाव लड़ने वाले मंत्रीजी के साथ अलवर ग्रामीण के विधायक पहले से ही खुल्लमखुल्ला साथ थे और अब रामगढ़ विधायक भी साथ आ गये हैं लेकिन कुछ लाभ की फिराक में भी हैं। पहले ही लाभ में चल रहे थानागाजी वाले मंत्री जी भी इसी पाले में हैं और मामन का मन भी इस तरफ ज्यादा रहता है बशर्ते कि आगे साथ देने का आश्वासन दिया जाये। अलवर यूआईटी के अध्यक्ष चुनाव हारते ही पाला बदल कर यहां आ चुके हैं। लेकिन मुण्डावर, बानसूर और किशनगढ़बास दूसरी तरफ एकजुट हैं। शहर वाले भी पहले गुट से दूर होने के चलते इसी गुट के नजदीक हैं। पिछले दिनों एक समझौते को लेकर चर्चा में रहे कठूमर वाले नेताजी को भी यही गुट आश्रय देता है।
दलबदलू-रंगबदलू
ये शब्द जिले के ही एक विधायक ने दूसरे भाजपा नेता को कहे थे लेकिन उपचुनाव से पहले ही कई भाजपा नेताओं पर ये शब्द सही बैठ सकते हैं। अभी लाभ और हानि को लेकर चर्चाऐं होनी हैं और वादों व दावों के बीच कई उलटफेर होने सम्भावित हैं।
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