उपचुनाव के मौके पर मेव समाज के कार्यकर्ताओं को याद कर रही है बिजेपी

मेवात विकास बोर्ड को लेकर अटका है नाम

अलवर में उपचुनाव हैं और भाजपा येन केन इस सीट पर जीत बरकरार रखना चाहती है लेकिन इसके लिए कई काम भाजपा को करने थे। जिनकी शुरुआत कर दी गई है। भाजपा ने पहले जनसंवाद किया, फिर आम लोगों की दर्ज समस्याओं को निस्तारित करने के सख्त निर्देश दिये गये। अब वोटों को लेकर गणित लगा रही भाजपा मेव वोटरों में सेंध लगाने के प्रयास में है।

दो कार्यकर्ता पद पर सुशोभित हो चुके हैं-

भाजपा ने हाल ही में दो कार्यकर्ताओं को पद बांटे हैं साथ ही बीस अन्य को भी जिले की कमेटी में सदस्य बनाया गया है-

मौलाना आजाद शिक्षा प्रतिष्ठान

भाजपा अल्पसंख्यक मौर्चा में राष्ट्रीय मंत्री और मुख्तार अब्बास नकवी के साथ तस्वीरों में नजर आने वाले साहुन उर्फ सालिम हुसैन को मौलाना आजाद शिक्षा प्रतिष्ठान में राष्ट्रीय सदस्य बनाया गया है। सालिम हुसैन लम्बे समय से भाजपा में हैं और अल्पसंख्यक मौर्चा के जिलाध्यक्ष समेत कई पदों पर रह चुके हैं।

sahun / salim husain

जिला वक्फ कमेटी

चुनाव के मौके पर मेव समाज के कार्यकर्ताओं को भाजपा ने याद किया है और भाजपा के अल्पसंख्यक मौर्चा के जिलाध्यक्ष आलम शौकीन को जिला वक्फ कमेटी का येचरमैन बनाया गया है। साथ में बीस अन्य को सदस्य के तौर पर नियुक्त किया है। ताकि भाजपा की मेव वोटों को पैठ बन सके।

alam shokin

मेवात विकास बोर्ड का पद –   एक अनार-सौ बिमार

मेवात में सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण पद है तो मेवात निकास बोर्ड के अध्यक्ष का। यहां बोर्ड के गठन के बाद केवल एक बार नसरु खान इस कुर्सी पर बिठाये गये थे 2006 से 2008 तक मेवात विकास बोर्ड के अध्यक्ष रहने के बाद अभी तक नसरु खान खुद कोई पद पर नहीं रहे हैं। बोर्ड का प्रत्येक वर्ष बजट होता है जो मेव बाहुल्य वाले गांवों में विकास कार्यों के लिए खर्च किया जाता है। इससे भी ज्यादा मेव समाज में इस पद को लेकर सम्मान की बात आड़े आती है इसलिए पार्टी अध्यक्ष पद पर अभी तक कोई नाम फाइनल नहीं कर पाई है। पहले इसके लिए शेर मोहम्मद का नाम चला और बाद में चौधरी फजल हुसैन के नाम पर भी चर्चा हुई लेकिन अब हाल ये है कि ज्यादातर दावेदार भाजपा को एक ही बात कह रहे हैं कि या तो उसे अध्यक्ष बनाया जाये या फिर किसी को भी नहीं बनाया जाये। बोर्ड का अध्यक्ष बनाये बिना मेव समाज के नेता खुश दिख रहे हैं। यही कारण है कि बोर्ड के गठन के बाद सिर्फ एक बार ही अध्यक्ष पद पर मनोनयन हुआ वो भी बीजेपी ने ही किया था।

sher mohammad

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