मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास क्या है ऑपरेशन
लोटस को रोकने का जादू, मिडीया के सवाल-जवाब
सीकर में लक्ष्मणगढ़ के कोठ्यारी के दौरे पर मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं हैं, असली मुद्दे गौण हैं-
सवाल- ऑपरेशन लोटस एक बार फिर चर्चा में है, महाराष्ट्र में जो स्थिति है, लेकिन राजस्थान में अशोक गहलोत के पास कोई जादू है कि उसको रोक देते हैं, क्या किस तरह से देख रहे हैं?
जवाब- देखिए हर स्टेट की परिस्थिति अलग-अलग होती है, वहां की परिस्थिति आप देख रहे हैं कि मीडिया के अंदर भी, अब वहां क्या स्थिति बनती है वो तो आने वाला वक्त बताएगा पर ये अच्छी परंपरा नहीं है। मेरी दृष्टि के अंदर वहां भी हॉर्स ट्रेडिंग ही हो रही है। बीजेपी पहले मध्यप्रदेश, फिर राजस्थान और फिर महाराष्ट्र में, ये शुभ संकेत नहीं है, बहुत ही अशुभ संकेत है देश के लिए, डेमोक्रेसी के लिए, ये मैं कह सकता हूं और पब्लिक को इन बातों को समझना चाहिए, पब्लिक ही माई-बाप होती है, लोकतंत्र में वो ही सरकारें बनाती है और वो ही घर भेजती है, उनके ऊपर है कि वो किस रूप में देखती है। अब हिंदुत्व के नाम पर जो ये नारा दिया हुआ है, तो लोग हिंदुत्व के नाम पर इनको सपोर्ट करने लग गए पर साथ में अन्य प्रॉब्लम भी तो हैं, महंगाई है, बेरोजगारी है, अर्थव्यवस्था गर्त में जा रही है, सेना के अंदर ये जो अग्निपथ लेकर आए हैं, एक नया प्रयोग है, सबको पूछकर करते, पार्लियामेंट में डिस्कशन होता, रिटायर्ड अफसरों को जनरल को, कर्नल को पूछते, तो और अच्छे ढंग से स्कीम लागू हो सकती थी, उसको भी बना दिया कॉन्ट्रोवर्सी में। तो ये जो गवर्नेंस हो रही है दिल्ली में, ये सबको ईडी, इनकम टैक्स, सीबीआई को जिस रूप में मिसयूज कर रहे हैं, उससे पूरे देश के अंदर बहुत ही चिंता का विषय बना हुआ है, सब लोग घबराए हुए हैं, बोल नहीं रहे हैं और हिंदू-मुस्लिम को लेकर भी जो राजनीति हो रही है वो भी खतरनाक ही है क्योंकि हिंसा जो होगी तो विकास नहीं होगा और हर कस्बे में, हर गली में, हर मोहल्ले में हिंदू-मुसलमानों के बीच में भय हो गया है, जिसकी जहां मेज्योरिटी है दूसरा पक्ष घबराया हुआ है, ये कोई हालात अच्छे थोड़े ही हैं?
सवाल- ईआरसीपी को लेकर गजेंद्र सिंह शेखावत फिर बोल रहे हैं, वो कह रहे हैं कि पायलट ने गलती कर दी, नहीं ये होता, तो क्या ईआरसीपी के मुद्दे को लेकर क्या गजेंद्र शेखावत कन्फ्यूज्ड हैं या कांग्रेस जो बात कह रही है वो अलग कह रही है ?
जवाब- देखिए 2 गलतियां उन्होंने की है, एक तो उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने वादा नहीं किया जनता से, एक शब्द नहीं बोला ईआरसीपी के बारे में, मैं खुद मौजूद था अजमेर के अंदर, अगर ये सिद्ध हो जाए तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा, तो प्रदेश की जनता इंतजार कर रही है कि कब राजनीति छोड़ें वो, एक बात तो ये है। दूसरा उन्होंने कहा कि सचिन पायलट जी अगर सक्सेस हो जाते, तो पानी पहुंच जाता, इसका मतलब पानी 13 जिलों का मामला है ये 13 जिलों का, 13 जिलों वाले इनको साफ कर देंगे इस बार क्योंकि इतना आक्रोश है वहां पर सोशल मीडिया में, हर परिवार में वहां आक्रोश है क्योंकि पानी पानी ही होता है पीने के लिए, सिंचाई के लिए और वो ऐसी बातें कर रहे हैं, मेरे मुंह से मैं नहीं कहना चाहता ऐसे शब्द कि उनको बुरा लगे, वरना वो ऐसी बातें कर रहे हैं कि उसको अमेंडमेंट करके भेजो आप, इनको हमारे को पूछे बगैर काम ही शुरू मत करो, ये ऐसी-ऐसी बातें बोल रहे हैं जो कि मैं समझता हूं कि उचित नहीं है। अगर सिंचाई का 2 लाख हैक्टेयर का है प्रावधान उसके अंदर, अगर उसको हम खत्म कर देंगे, योजना नई बनाकर भेजेंगे, तो वो काम ही नहीं आएगी। तो ये समझ के परे है कि जल संसाधन मंत्री खुद ही जो राजस्थान के हैं, हम तो ये उम्मीद करते हैं कि अगर मतभेद भी होते हैं आपस के अंदर, तब भी वो व्यक्ति, जैसे हमारी गवर्नमेंट की अप्रोच है, वसुंधरा जी की अप्रोच है सरकार बदलते ही काम बंद कर दो, जैसे रिफाइनरी बंद कर दी, कई हमारी स्कीम्स बंद कर दी थीं। हम सरकार में आते हैं, वसुंधरा जी का कोई काम बंद नहीं करते हैं जिसमें से एक ईआरसीपी भी है, ईआरसीपी हमारी योजना नहीं थी, वसुंधरा राजे जी की, बड़ी महत्वाकांक्षी योजना है, जबसे हम आए हैं तबसे ही उसको आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं, बल्कि इस बार मैंने 9 हजार करोड़ रुपए स्टेट फंडिंग में रखे हैं, अगर केंद्र नहीं दे रही है एक पैसा भी, हम लोग रख रहे हैं 9 हजार करोड़ रुपए मैंने दिए अभी, ये योजना का काम शुरू हो गया है, आगे बढ़ाना चाहिए, केंद्र दे या नहीं दे, हम लोग लड़ाई लड़ते जाएंगे, पर रोका नहीं हमने। तो मंत्री जी को भी चाहिए कि राजस्थान के हित में, आप राजस्थान के प्रतिनिधि हो, मंत्री हो केंद्र में, इतना इम्पोर्टेंट विभाग आपके पास में है, क्या एक योजना को प्रधानमंत्री जी को कन्वेंस करके आप क्या उसको राष्ट्रीय परियोजना जो एक भी नहीं है आज तक के इतिहास के अंदर राजस्थान की एक भी परियोजना राष्ट्रीय परियोजना नहीं बन पाई है, तो क्या वो इस योजना को नहीं बनवा पाते? बनवा सकते हैं। अगर वो नहीं बनवा पाते तो उनका नैतिक अधिकार क्या है बात करने का?
सवाल- राहुल गांधी के कार्यालय पर वायनाड में हमला हुआ है, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत?
जवाब- उसकी निंदा करनी चाहिए, हमला किसी के भी कार्यालय पर हो, चाहे कांग्रेस का हो, बीजेपी का हो, कोई नेता का कार्यालय हो, अगर हिंसा होगी तो मैं निंदा करूंगा उसकी। मेरा स्पष्ट मानना है कि कोई भी नेता, कोई भी कार्यकर्ता कोई भी हो पार्टी का, हिंसा का कोई स्थान लोकतंत्र में नहीं है, मेरा मानना है।
सवाल- वॉइस सैंपल के लिए एसीबी ने नोटिस तामील कर दिया है, कहा जा रहा है कि जो गजेंद्र सिंह शेखावत के वॉइस सैंपल को लेकर दिल्ली में नोटिस तामील हो गया है, वो ये कहते हैं कि यहां भी संस्थाओं का दुरुपयोग हो रहा है, आप कुछ कहेंगे इस विषय पर?
जवाब- ये तो कानून अपना काम करे, ये तो बल्कि लेट हुआ सर्व उनको, वो बचते रहे, बचते रहे, बचते रहे, आखिर में वो जो नोटिस सर्व हो ही गया कोर्ट से हुआ है, कोर्ट से हुआ है, इनको वॉइस देने में तकलीफ क्या है? तकलीफ क्या है? ये स्वीकार भी कर चुके हैं कोर्ट के अंदर दिल्ली के अंदर कि इनकी वॉइस है वो, पुलिस वहां की स्वीकार कर चुकी है एफिडेविड के अंदर, जब लोकेश शर्मा के खिलाफ में जो केस इन्होंने दर्ज करवाया है, उलटा चोर कोतवाल को डांटे वाली बात है, आप सरकार गिराने में मुख्य किरदार थे और सबको मालूम है कि आप एक्सपोज हो गए हैं, जब आपका वो आया उसके अंदर वॉइस आई और दुनिया जानती है कि वॉइस आपकी है, आपने खुद ने सरकार गिराने का षड्यंत्र किया, अब आप जो सचिन पायलट जी का नाम ले रहे हो कि उन्होंने चूक कर दी, तो और प्रूफ हो गया, ठप्पा लगा दिया आपने खुद ने कि आप उनके साथ मिले हुए थे।
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