भाजपा से निष्कासन के बाद पूर्व मंत्री रहे डॉ रोहिताश्व शर्मा ने खुलकर बोला है

अपने बयानबाजी को लेकर डा. रोहिताश्व शर्मा न केवल चर्चा में हैं बल्कि पार्टी से भी निकाले जा चुके हैं। पहले उन्होंने केंद्र और राज्य के नेताओं पर जनता के बीच में नहीं जाने का आरोप लगाया था तो भाजपा ने उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया। अब अलवर में एक बार फिर पत्रकार वार्ता कर भाजपा नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं इतना ही नहीं प्रधानमंत्री के कामकाज पर भी खुलकर कटाक्ष किये हैं। भाजपा नेतृत्व को तानाशाह करार दिया है। 


भाजपा से निष्कासित किये गये डॉ रोहिताश्व शर्मा


अलवर में बकायदा पत्रकार वार्ता कर डा. रोहिताश्‌व शर्मा खुलकर बोले, उन्होंने कहा कि निजी दुश्मनी की वजह से सतीश पूनिया ने उनके साथ षड्यंत्र किया है उनके साथ न्याय के सिद्धांत की अवहेलना भी हुई और सुनवाई का मौका नहीं दिया गया। डॉ रोहिताश शर्मा ने बीजेपी के वर्तमान नेतृत्व पर तानाशाह होने का आरोप लगाया और कहा कि सतीश पूनिया यह भ्रम पाल बैठे हैं कि वह मुख्यमंत्री बनने वाले हैं ।

 किसानों के पक्ष में नहीं है प्रधानमंत्री की पॉलिसी

रोहिताश्व शर्मा ने किसानों के मुद्दे पर भी बोले और कहा कि जो शासक अन्नदाता को आगे बढ़ाते हैं उनका राष्ट्र आगे बढ़ता है प्रधानमंत्री ने 2 साल में किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही थी लेकिन डेढ़ साल का वक्त बीत चुका है और अभी किसानों के हालात सुधरे नहीं हैं प्रधानमंत्री को दीनदयाल उपाध्याय की कृषि नीति माननी चाहिए। केन्द्र में सरकार दीनदयाल उपाध्याय की नीति के अनुसार नहीं चल रही हैं। शर्मा ने साफ तौर पर प्रधानमंत्री की किसानों के प्रति अपनाई जा रही पॉलिस को गलत बता दिया है।

केन्द्रीय केबिनेट में बाबू कर लिये हैं भर्ती

डॉ रोहिताश्व शर्मा नें केंद्र सरकार के कैबिनेट विस्तार पर भी सवाल खड़े किए और ब्यूरोक्रेसी में रहे नेताओं को मंत्रीमंडल में शामिल करने पर कहा कि बाबू लोगों को मंत्री बना दिया गया है जो जनप्रतिनिधि नहीं हैं । आम लोगों की समस्याओं से उनका कोई सरोकार नहीं है। उनके बंगलों में हरे-भरे लॉन  हैं जहां कोई आदमी आ जा नहीं सकता। अगर आम लोगों के लिए ये खुले होते तो घास हरी न रहती।

नेतृत्व से नरमी बरतने की अपील, भारत में डिक्टेटरशिप सबसे बड़ा खतरा

शर्मा ने कहा कि वो एक ज्योतिषी भी हैं जिसके आधार पर कह सकते हैं कि नेतृत्व को नरम होना पड़ेगा और अगर ऐसा नहीं होता है तो यूपी में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ेगा । डॉ रोहिताश शर्मा ने कहा कि देश में डेमोक्रेसी रहने दो, डिक्टेटरशिप नहीं होनी चाहिए। जो डिक्टेटर होते हैं वह किसी की बात नहीं सुनते और भारत में डिक्टेटरशिप सबसे बड़ा खतरा है। मैं आम आदमी होने के नाते प्रधानमंत्री को अपनी बात कहना चाहता हूं वह भी मन की बात करते हैं और हम अपने मन की बात सुना रहे हैं। डॉक्टर रोहिताश्व शर्मा ने खुद को पार्टी से बाहर किये जाने के मामले में कहा कि इन लोगों से मैं हटने वाला नहीं था लेकिन दिल्ली में मेरी बात का झूठा इंटरप्रिटेशन किया गया। मैं दीनदयाल उपाध्याय को पढ़कर ङनके विचारों से प्रभावित हुआ था और पूरी तरह भाजपाई हो गया था। आगे भी बीजेपी के लिए ही काम करता रहूंगा और अभी वसुंधरा मिशन 2023 के लिए काम शुरू कर दिया है। शर्मा ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर भी तंज कसे और कहा कि केंद्रीय जल संसाधन मंत्री होने के बावजूद पूरे राजस्थान में एक पाइप तक नहीं लगाया। जब देश की तेल कंपनियां कश्मीर से कन्याकुमारी तक पाइप से तेल ले जा सकती हैं तो हम देश के सभी हिस्सों में पानी क्यों नहीं ले जा सकते।

वसुन्धरा राजे के साथ डॉ रोहिताश्व शर्मा


अशोक गहलोत की तारीफ 

राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले दिनों सरकार के संकट के समय अगर अशोक गहलोत मुख्यमंत्री नहीं होते तो हम अच्छे पदों पर बैठे होते यानी भाजपा की सरकार बन चुकी होती । यह पूछे जाने पर कि  वसुंधरा राजे को चेहरा बनाया जाता तो क्या होता तो उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर सरकार गिर जाती।

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