अलवर के थानागाजी को नगरपालिका बनाने की घोषणा हुई है, थोड़ा थानागाजी को जान लो

अलवर के थानागाजी को नगरपालिका बनाने की घोषणा हुई है, थोड़ा थानागाजी को जान लो

पिछले लोकसभा उपचुनाव में थानागाजी के लोग वोट नहीं दे पाये थे। क्योंकि यूं तो थानागाजी अलवर जिले में है और हेमसिंह भड़ना यहां से विधायक हैं लेकिन लोकसभा क्षेत्र दौसा आता है तो लोकसभा के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग यहां के लोग दौसा में करते हैं। यानि भाजपा की पिछली हार में थानागाजी के लोगों का कोई योगदान नहीं है। मंत्री हेमसिंह भड़ाना ने तिजारा का प्रभारी होने के नाते अच्छी मेहनत की थी और ये उसका ईनाम भी हो सकता है। 

आंकड़ों में कैसा है थानागाजी

गाजी का थाना कहलाने वाला थानागाजी अब नगर पालिका बन रहा है। 2011 की जनगणना के अनुसार थानागाजी की जनसंख्या 21742 है। यहां की प्रतिव्यक्ति आय 2500 रुपये है। यहां प्रस्तावित नगरपालिका क्षेत्र का कुल क्षेत्रफल 3303.85 हैक्टेयर है। यहां की कृषि योग्य भूमी 2021.65 हैक्टेयर और अकृषि योग्य भूमी 1282.20 हैक्टेयर है। यहां का जनसंख्या घनत्व 658 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है। नगरपालिका क्षेत्र में सामिल होने वाले गांवों की निजी आय तीन लाख साठ हजार और सरकारी योजनाओं से प्राप्त अनुदान 15700000 रुपये है।



प्रस्तावित नगरपालिका क्षेत्र में आने वाले गांव ये हैं-

नई बनने वाली नगरपालिका में थानागाजी, हरनेर, लाहाकाबास, भांगडोली, अमराकाबास, नाथूसर और बिहारीसर गावों को शामिल किया गया है। ये सभी गांव तीन किलोमीटर की परिधी में आते हैं और यहां सम्पूर्ण नगरपालिक क्षेत्र घोषित होगा। निश्चित तौर पर इन गावों के विकास में चार चांद लगने वाले हैं और अब तक सरिस्का के नजदीक होने के कारण पिछड़ेपन का दंश झेल रहे इन गांवों में सुविधाऐं बढ़ेंगी। प्रस्तावित नगरपालिका के इलाके में सरपंच, वार्डपंच, स्टॉफ- स्थाई और अस्थाई कुल 68 हैं और इनका मानदेय अनुमानित तौर पर 3826680 प्रतिवर्ष है।

सरिस्का के कारण विकास हुआ भी, रुका भी

थानागाजी सरिस्का के वैलकम गेट से ज्यादा दूरी पर नहीं है। हमेशा से सभी वाहन सरिस्का के बीच से ही गुजरते रहे। एक जमाने में तो राष्ट्रीय राजमार्ग यहां से गुजरता था और राज्य मार्ग सरिस्का के मध्य से गुजरता था लेकिन समय के साथ सरिस्का के मध्य से गुजरने वाला राज्य मार्ग पूर्णतया बन्द कर दिया गया और बाद में सरिस्का से थानागाजी होकर जयपुर जाने वाले भारी और व्यावसायिक वाहनों पर पाबन्दी लगा दी गई। इसे लेकर ग्रामीणों की ओर से वन विभाग के खिलाफ आन्दोलन हुए थे। अभी भारी वाहन तालवृक्ष होते हुए गुजरते हैं। इससे पहले थानागाजी सरिस्का में आंदोलन, किसान आंदोलन और बीते वर्ष बघेरों के हमलों के कारण चर्चा में रहा है। 

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