अलवर के चर्चित सीएमएचओ रिश्वत प्रकरण में वॉयस सैम्पल की रिपोर्ट आई है जिसमें कुछ नहीं है

अलवर के चर्चित सीएमएचओ रिश्वत प्रकरण में वॉयस सैम्पल की रिपोर्ट आई है जिसमें कुछ नहीं है

अलवर सीएमएचओ रहे डा. पंकज गुप्ता के खिलाफ एसीबी एक जांच कर रही है। रिश्वत का प्रकरण है और इसी प्रकरण में सीएमएचओ का भाई अमित मंगल जेल जा चुका है। डीपीएम नभेन्द्र सिंह भाटी को एसीबी ने मौके पर ही रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया था। रिश्वत की राशी का चैनल नभेन्द्र से होते हुए तत्कालीन सीएमएचओ डा. पंकज गुप्ता के भाई अमित मंगल से होता हुआ खुद पंकज गुप्ता तक पहुँचता था। जिसमें अभी डा. पंकज गुप्ता फरार चल रहे हैं।


राजगढ़ निवासी चिकित्सक ने कराया था ट्रैप

अलवर में राजगढ़ के रहने वाले एक चिकित्सक ने सीएमएचओ के खिलाफ एसीबी को शिकायत दी थी जिसमें रिश्वत मांगने की बात कही गई थी। एसीबी ने कार्रवाई करते हुए नकद रिश्वत लेते नभेन्द्र सिंह को गिरफ्तार किया था और बाद में अमित मंगल को भी गिरफ्तार किया था जिसे कोर्ट ने जमानत दे दी है। लेकिन अभी एसीबी के अनुसार डा. पंकज गुप्ता फरार है। आरोप लगाया गया था कि अमित मंगल ने डा. पंकज गुप्ता के नाम पर रिश्वत ली थी और फोन पर पंकज  गुप्ता से बात भी की थी जिसकी रिकॉरडिंग एसीबी के पास थी और राजस्थान की साइन्स लैब में आवाज की जांच के लिए भेजा गया था।



जांच में लैब ने कुछ नहीं बताया

कोर्ट में आवेदन लगाकर अमित मंगल की ओर से आवाज का सैम्पल दिया गया था और डा. पंकज गुप्ता से हुई बातचीत को नकारा गया था जिसकी एसीबी रिकॉर्डिंग होने की बात कह रही थी। आवाज के सैम्पल दिये गये थे और एसीबी की ओर से पहले की गई फोन रिकॉर्डिंग भी भेजी गई थी लेकिन लैब ने कहा है कि वो इसकी जांच के बाद पूरी तरह से कुछ नहीं कह सकती है। 

क्या होगा केस पर असर

वॉयस सैम्पल की जांच रिपोर्ट आने के बाद फरार चल रहे डा. पंकज गुप्ता को कोर्ट में इसका लाभ मिल सकता है क्योंकि अभी तक एसीबी ने कहा है कि अमित मंगल ने सीएमएचओ से ही बातचीत की थी लेकिन वॉयस सैम्पल में लैब की ऑपिनियन साफ नहीं है। लैब में कुल चार क्लिप भेजी गई थी।

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