पुलिस कह रही है ज्वैलर से लूट मामले का पटाक्षेप हो गया है
क्या था मामला
4 फरवरी को शाम साढ़े छ बजे हथियारबन्द बदमाशों ने नीमराणा के कृष्णा टॉवर स्थित योगेश ज्वैलर्स पर धावा बोला और अन्धाधुन्ध फायरिंग करते हुए सोना-चांदी के आभूषण ले गये। घटना के वक्त दुकान मालिक कैलाश चन्द शर्मा,उनकी पत्नी शारदा शर्मा और बेटे योगेश के साथ पड़ौसी दुकानदार दामोदर खण्डेलवाल भी मौजूद थे। तीनों ही मौके पर लुटेरों से भिड़ गये थे, सीसीटीवी फुटेज देखकर हर शख्स ने उनकी हिम्मत की दाद दी थी। शारदा शर्मा ने तो एक लुटेरे से हथियार ही छीन लिया था। इस जद्दोजहद में कैलाश शर्मा और दामोदर खण्डेलवाल को पैर में गोली लगी थी जिनका नीमराणा के अस्पताल में उपचार चला और फिर छुट्टी मिल गई। नीमराणा थाना पुलिस ने मुकदमा नम्बर 65/18 धारा 394, 307 आईपीसी और 3/25 आर्म्स एक्ट व मुकदमा नम्बर 66/18 धारा 392 आईपीसी में दर्ज कर जांच शुरु की थी।
पुलिस ने अब तक क्या किया
जिला पुलिस अधीक्षक राहुल प्रकाश ने सबसे पहले आधा दर्जन टीमों का गठन कर छापेमारी शुरु कराई लेकिन ज्यादा सफलता नहीं मिल सकी। फिर जांच शुरु हुई तफ्सील से…. जिसमें पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, टोल प्लाजा रिकॉर्ड, आपराधिक रिकॉर्ड के आधार पर बदमाशों की पहचान की और ये घोषणा कर दी कि आरोपी हरिया गैंग के बदमाश हैं और पहले भी भिवाड़ी में ऐसी वारदात को अंजाम दे चुके हैं। उसके बाद पुलिस ने संदिग्धों के ठिकानों पर दबिश देना शुरु किया। चूंकि हरिया गैंग का यूपी, हरियाणा और राजस्थान के एनसीआर इलाके में खौफ था तो तीनों ही राज्यों की पुलिस ने एक तारतम्य बिठाया जो सफलता का मूलमंत्र था। पुलिस ने बदमाशों की पहचान पवन उर्फ हरिया गुर्जर, हरीश गुर्जर उर्फ काणा, वीरसिंह, सुखबीर और सुरेन्द्र के रूप में की। आरोपी वीरसिंह, सुखबीर और सुरेन्द्र अलवर के ही किशनगढ़बास में तरवाला गांव के निवासी हैं जिन्होंने वारदात के लिए अपराधियों को छुपने और माल को खुर्दफुर्द करने में सहयोग किया, जो सबसे पहले पुलिस की गिरफ्त में आये। पूछताछ के बाद कोर्ट ने तीनों को जेल भेज दिया। घटना में मुख्य आरोपी अरुण गुर्जर की 8-9 फरवरी की रात हरियाणा के तिगांवा थाना के अरुवा छायसा गांव के पास मुठभेड़ में मौत हो गई। पुलिस पीछा कर रही था और हरियाणा सीआईए ने आमने-सामने होने पर गोली मार दी। जिसके बाद पूरी गैंग सकते में आ गई और पुलिस ने गैंग के मुखिया हरिया को तलाशना शुरु कर दिया। हरिया ने 14 फरवरी को हरियाणा के ही पलवल में आत्मसमर्पण कर दिया। वारदात का आखिरी अभियुक्त हरीश गुर्जर उर्फ काणा था जिसे भी 16 फरवरी को अलवर पुलिस ने एक देशी कट्टे के साथ मुखबिर की इत्तिला पर गिरफ्तार कर लिया और पुलिस ने मामले का पटाक्षेप मान लिया है। हां इस दौरान लूट का माल खरीदने वाले आरोपी को भी भिवाड़ी पुलिस ने दबोच लिया जो यश वर्मा है और सुनार का काम करता है।
किन-किन को मिली शाबाशी
पूरे मामले में नीमराणा एएसपी हिमान्शु, भिवाड़ी सीओ सिद्धान्त शर्मा, बहरोड़ सीओ, जनेश तंवर, बहरोड़ थानाधिकारी महावीरसिंह, नीमराणा थानाधिकारी हितेश शर्मा, चौपानकी थानाधिकारी सुनील जांगिड़, खैरथल थानाधिकारी जितेन्द्र यादव, एसआई उमेश बेनिवाल, सिपाही तस्लीम,मुकेश कुमार, अजीत सिंह,महिपाल, योगेश कुमार, रूपचन्द, अनिल, भगवान, सेरसिंह, सुरेन्द्र, विपिन,सोमवीर,सुमित,संदीप कुमार और राजेश को टीम में काम के लिए शाबाशी मिली है।
किसका पटाक्षेप होना बाकी है
नीमराणा में योगेश ज्वैलर्स पर हुई लूट में 25 लाख से ज्यादा के आभूषण और एक लाख से ज्यादा की नकदी लुटेरे ले गये थे। अभी तक पुलिस इस मामले में लुटेरों तक पहुँची है जो अच्छे काम का ही परिणाम है लेकिन पीड़ित अपने सामान की बरामदगी की राह देख रहा है। पुलिस द्वारा सभी आरोपियों को 10 दिन के अन्दर ही गिरफ्तार कर लिया है तो ये उम्मीद ज्यादा बढ़ गई है कि आरोपियों द्वारा लूटा गया सब सामान मिल जायेगा। लेकिन पीड़ित के लिए मामले का पटाक्षेप तभी होगा जब सामान की बरामदगी हो जायेगी।
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