क्या शराब को ज्यादा कीमत पर बेचना उपभोक्ता से अन्याय नहीं है
शराब को खराब ही माना जाता रहा है लेकिन शराब का धन्धा करने वालों की मकान बड़े होते जा रहे हैं और पीने वालों के घर में झगड़ा बढ़ता जा रहा है। महिलाओं के पैड को लेकर बनी फिल्म पैडमेन ने पैड के इश्यू को बेहतर तरीके से उठाया है जिस पर की कोई बात ही नहीं करना चाहता… ऐसा ही कुछ शराब के साथ होता है। उपयोग तो बहुत लोग करते हैं लेकिन बात नहीं करना चाहते हैं। इसलिए शराब के लिए ज्यादा पैसा खर्च कर ना केवल शराब का सेवन करते हैं बल्कि घर की आर्थिक सेहत भी बिगाड़ रहे हैं।
ठेकेदार से लेकर अधिकारियों तक मिलीभगत
बहरोड़ में शराब ठेकेदारों की मनमानी ग्राहकों की जेब पर भारी पड़ रही है। शराब सेल्समैन ठेकेदारों के इशारे पर खुलेआम अंग्रेजी शराब और बियर के बदले अंकित मूल्य से अधिक वसूली कर रहे हैं। जिससे ग्राहकों की जेब कटने के साथ ही आबकारी विभाग को भी जमकर चूना लगा रहे हैं। जबकि आबकारी विभाग का काम सही कीमत पर सराब उपलब्ध कराना है।
ठेकेदार ही कहते हैं ज्यादा वसूली के लिए
देर रात को पुराना बस स्टैंड स्थित लाइसेंसधारी शराब की दुकान से बियर पर अंकित 86 रुपए मूल्य से अधिक रुपए लेकर शराब बेचने का मामला कैमरे में कैद हो गया। जिसमें सेल्समैन खुलेआम 86 मूल्य के बजाय 110 रुपए लेकर बियर बेच रहा है। जब अंकित मूल्य से अधिक रुपए लेने की वजह जानी तो सेल्समैन ने कहा की ठेकेदार ने अधिक मूल्य लेने के लिए कहा हुआ है। खुलेआम अंकित मूल्य से अधिक रूपए लेकर शराब बेचकर ग्राहकों की जेब काटी जा रही है। तो वहीं आबकारी विभाग को भी जमकर चूना लगाया जा रहा है। अधिक रुपए लेकर शराब बेचने की जानकारी आबकारी विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के पास होती है लेकिन स्वीकार नहीं करते।
क्या कह रहे हैं अधिकारी
जब इस संदर्भ में बहरोड़ आबकारी सर्किल के अधिकारी वीरेंद्र यादव से जानकारी की गई तो उन्होंने कहा कि इस प्रकार की जानकारी मुझे नहीं है। यदि अंकित मूल्य से अधिक रुपए वसूलने का कोई मामला आता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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