रावण की रामायण कुछ खास है
जब पूरे देश में इतिहास को लेकर बहस हो रही है और नये तरीके से पुराने तथ्यों को देखा जा रहा है तो अलवर में रावण की रामायण नाटक का मंचन हो रहा है। राम की रामायण का मंचन तो सदियों से होता रहा है और गांव-गांव जाकर कलाकार राम के आदर्शों का बखान करते रहे हैं। लेकिन अलवर में रावण के पात्र को हीरो पेश किया जा रहा है।
इतिहास का बदलाव तो नहीं है
अकबर और महाराणा प्रताप के हल्दी घाटी युद्ध के तथ्य हों या फिर गुरुत्वाकर्षण नियम के खोजकर्ता की पहचान … देशभर में पुराने पड़ चुके ज्ञान को एक बारगी फिर से खंगाला जा रहा है और स्कूली किताबों में भी बदला गया है लेकिन रामायण को भी नई दृष्टि से देखने और दिखाने का काम शुरु हो चुका है। अब तक रामायण सिर्फ राम की होती थी लेकिन अब रावण की रामायण का मंचन बड़े स्तर पर हो रहा है। महाभारत में रोल करने वाले और कई फिल्मों में बड़े पर्दे पर आ चुके पुनीत इस्सर इसमें रावण की भूमिका निभा रहे हैं। कई नवोदित कलाकार इसका मंचन इस तरह कर रहे हैं कि दर्शक भी तालियां पीटते नहीं थकते हैं। नाटक के निर्देशक अतुल सत्य कौशिक कहते हैं कि अब हमें इतिहास को नये तरीके से देखने की जरुरत है और एक ही घिसी पिटी परम्परा से देखते हुए इतिहास के कई ऐसे पात्र जो समाज को कई शिक्षाऐं दे सकते हैं उनको हमने दरकिनार कर दिया है।
रावण….रावण क्यों हुआ
अलवर में नाटक के देखने के लिए आम ही नहीं कई खास लोगों की भीड़ भी मौजूद रही। जिला कलक्टर राजन विशाल ने भी चुनावी व्यस्तता के बावजूद पौने तीन घण्टे तक बैठकर नाटक देखा। नाटक में रावण की उन परिस्थितियों का चित्रण किया गया है जो हमें सामाजिक तौर पर रावण को रावण होने का कारण समझाती हैं। नाटक के निर्देशक कहते हैं कि पात्र के साथ अब तक न्याय हुआ या अन्याय… ये लोगों पर छोड़ देना चाहिए लेकिन ये पढ़ाना और बताना गलत है कि राम देवता थे और रावण राक्षस,…. हमें दोनों के चरित्र के बारे में बताना चाहिए फिर लोग खुद ही समझें कि किसने कौनसी गलतियां की ..कोई क्यों राम बना और क्यों रावण..
इन पात्रों से सीख सकते हैं
ये सही है कि देश के धार्मिक और सामाजिक इतिहास के अनेक ऐसे पात्र रहे हैं जिन्हें ठीक से इतिहास में जगह नहीं मिली और कुछ ऐसे भी पात्र रहे हैं जिन्हें पहचान तो मिली लेकिन समाज ने बुरे चरित्र के चलते उनसे सीखना मुनासिब नहीं समझा। उम्मीद है नये तरीके से पेश किये जा रही ये ऐतिहासिक घटनाऐं समाज को अच्छा-बुरा समझने में मदद करेंगी।
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