सड़क और घर के बाद अब गौशालाऐं निशाने पर
गौतस्करों के लिए अब गाय पालने की जगह नया निशाना बन रही हैं। बहरोड़ थाना क्षेत्र के गोकुलपुर के पास बनी कुड़ी गौशाला को गौ-तस्करों ने अपना निशाना बनाया है। रात्री में गौतस्करों ने पहले मुख्य गेट में टक्कर मारी और फिरगायों को गाड़ी में भरने लगे। जाग होने पर विरोध किया तो गौतस्करों ने फायरिंग भी की। गौशाला संचालकों का कहना है कि 3 गायें ले गये हैं, पुलिस को सूचना दी थी लेकिन पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली है।
ग्रामीणों ने जाम लगाकर जताया विरोध
घटना के बाद सुबह सवेरे आसपास के ग्रामीणों को घटना का पता लगा तो मौके पर एकत्रित हो गये और विरोध जताया। पुलिस भी मौके पर पहुँची लेकिन तब तक ग्रामीणों ने जाम लगा दिया था। पुलिस की समझाइश के बाद दो घण्टे से चल रहा जाम हटाया गया। ग्रामीणों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। लेकिन पुलिस अभी तक खाली हाथ है। आये दिन जिले में गौ तस्करी हो रही है और पुलिस और प्रशासन की काफी उर्जा इसी में खर्च होती है लेकिन गौतस्करों को रोकने का कोई उपाय नहीं मिला है।
पुलिस की गश्त कैसी गश्त है
कहने को तो रातभर पुलिस गश्त करती है लेकिन बावजूद उसके गौतस्कर चकमा दे देते हैं। गौशाला से गायों को लेकर भागे गौतस्कर पुलिस की पकड़ में नहीं आ सके। गोकुलपुर ,मोहम्मदपुर, शिमला, पहाड़ी समेत कई गांव के लोग पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन कर चुके हैं। मौके पर बहरोड़ सीओ जनेश सिंह तंवर भी पहुंचे थे और उनकी समझाइस के बाद लोग घटना के खुलासे का इन्तजार कर रहे हैं।
गौतस्करों के तौर तरीके बदले
गौतस्करी लम्बे वक्त से जारी है। पहले गौतस्कर गायों को खरीद कर ले जाते थे उसके बाद स्थानीय लोगों से मीलिभगत कर अवारा गायों को एकत्रित कर ले जाने लगे जिसके लिए स्थानीय लोगों को भुगतान करते थे। बाद में बीच सड़क पर बैठी अवारा गायों को उठाकर ले जाने लगे। फिर एक वक्त आया कि कई घरों में बंधी गायों को ले जाया जाने लगा। और अब गौ तस्करों के बुलन्द हौसले ही कहे जायेंगे कि गौशालाओं से गायों को ले जाने लगे हैं। वो गौशालाऐं जहां गायों को सुरक्षित माना जाता है। हां ये आपूर्ती के नियम का मामला भी बनता है कि यहां आसान उपलब्धता है।
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