पटवारी की शिकायत तहसीलदार से करोगे तो क्या पाओगे
जब पटवारी किसान का काम नहीं करता और चक्कर पर चक्कर लगाता किसान थक जाता है तो सीधे नायब तहसीलदार या तहसीलदार के पास अपनी शिकायत लेकर जाता है। उसे लगता है कि उसकी बात सुनी जायेगी, लेकिन एसीबी की कार्रवाई में ये मिलिभगत सामने आ गई है किस तरह पटवारी और तहसीलदार मिल बांटकर काम कर रहे हैं।
एक लाख 40 हजार की रिश्वत ली थी
नायब तहसीलदार भगवान सहाय जिनके पास थानागाजी तहसीलदार का चार्ज भी था। ओएसिस इंफ्रा कम्पनी के निदेशक प्रवीण शर्मा से 1 लाख चालीस हजार की रिश्वत मांगी और रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिये गये। ये कम्पनी तालवृक्ष के पास एक रिसोर्ट और आवासीय कॉलोनी बनाना चाहती थी जिसके लिए जमीन का कन्वर्जन होना था। कई दिनों से परिवादी चक्कर लगा रहा था और जब पैसे की मांग की गई तो परिवादी ने अलवर में एसीबी को शिकायत की।
पहले तहसीलदार और फिर पटवारी गिरफ्त में
अब तक एसीबी की ओर से रिश्वत के मामलों में पहले छोटे कर्मचारी पकड़े गये या रंगे हाथ गिरफ्त में आये लेकिन यहां उल्टा हुआ। पहले नायब तहसीलदार को पैसे लेते हुए एसीबी की टीम ने पकड़ा और फिर पटवारी े फोन पर बात कराई गई। मिलिभगत सामने आते ही एसीबी के डीएसपी सलेह मोहम्मद ने पटवारी नन्दराम यादव को भी गिरफ्तार कर लिया।
दोनों को कोर्ट ने जेल भेजा
दोनों आरोपियों को अलवर की एसीबी विशिष्ट न्यायालय में पेश किया गया जहां से जेल भेज दिया गया। अलवर कोर्ट में आरोपियों को देखने काफी लोगों की भीड़ भी एकत्रित हो गई थी। आरोपियों को सीधे एसीबी कार्यालय से कोर्ट लाया गया था और कोर्ट के आदेश के बाद दोनों को जेल में सुपुर्द कर दिया गया।
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