90 साल पहले आजादी मिल जाती, लेकिन फिर भी कुछ नहीं सीखा
देश के विदेश राज्य मंत्री जो पूर्व थल सेनाध्यक्ष भी हैं ने एक पते की बात बताई है। अगर धर्म और वर्ग में हम बंटते नहीं तो 90 साल पहले ही आजाद हो चुके होते। जनरल विजय कुमार सिंह कहते हैं कि 1857 की क्रान्ति में अंग्रेज लगभग हार चुके थे लेकिन कई कारणों की वजह से उस वक्त हम आजाद नहीं हो सके। उसके बाद अंग्रेजों ने एक बात सीखी कि धर्म और वर्ग में भारतियों को बंटा रहना जारूरी है लेकिन भारतियों ने ना तो 1857 की क्रान्ति से कुछ सीखा ना ही आजादी के बाद उन समस्याओं को समझ सके जिसके कारण उन्हें 90 साल और गुलाम रहना पड़ा।
सेना से सीखने की सीख दी
जनरल सिंह ने कहा कि हमें सेना से सीखना चाहिए कि कैसे धर्म और वर्ग में बंटे बिना एक रह सकते हैं. सेना की सबसे बड़ी ताकत है कि वो धर्म और जाति के नाम पर बंटती नहीं है। जो ट्रूप जिस धर्म का पालन करता है उसको लीड करने वाला अधिकारी भी उसी धर्म और तौर तरीकों को फॉलो करता है। जरूरी है कि घटिया राजनीति की बजाय एक रहें और धर्म व वर्ग में ना बंटें।
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