सोशल मीडिया पर मुद्दा जिंदा है

मेव समाज में गौ तश्करों के खिलाफ भी उठ रही है आवाज़

पुलिस जांच में गौ तस्कर बताये गए उमर मोहम्मद की मौत के बाद बकायदा पंचायत में फैसला लिया गया था कि अब शव को दफना देना चाहिए। लेकिन शव दफनाने के बाद भी सोशल मीडिया पर मुद्दा अभी जिंदा है। मेव समाज के अलग-अलग संगठनों और नेताओं में खुला वाद-विवाद भी हो रहा है। मेव पंचायत गोतस्करों को सपोर्ट करने के पक्ष में नहीं है तो कई दूसरे लोग हत्यारों को सजा दिलाने और उमर मोहम्मद को आर्थिक मदद की मांग भी कर रहे हैं।

दरअसल मेव पंचायत की ओर से इस मामले में हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग तो की गई थी लेकिन मृतक उमर मोहम्मद के परिजनों के लिए की गई नौकरी और पैसे की मांग से मेव पंचायत ने इत्तफाक नही रखा। ऊपर से मेव पंचायत के प्रवक्ता ने 11 सदस्यीय दल द्वारा मामले की जांच के बाद ही कोई कदम उठाने का बयान भी जारी कर दिया। सोशल मीडिया पर बयानबाजी शूरु हो गई और अभी जारी है।

मामला राजनीतिक विरोध और समाज मे दबदबे का भी है। नौकरी और पैसे की मांग के बाद ही शव दफनाने की मांग करने वाले पक्ष से अब सवाल पूछे जा रहे हैं कि क्यों जावेद और ताहिर भी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। हाँ एक यूजर ये भी लिखता है कि आदमी हमारा मरा ओर गिरफ्तारी भी हमारे लोगों की। दूसरी और गाय को मारने का ववरोध भी साफ तौर पर लिखा जा रहा है। 

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