अलवर लोकसभा की किशनगढ़बास विधानसभा में 22 को आयेंगी
मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने अलवर लोकसभा की आठ विधानसभाओं में से सात का दौरा कर लिया है। सर्व समाज से जनसंवाद भी पूरा कर लिया है। जनसंवाद में मुख्यमंत्री ने अलग अलग समाज से रूबरू होकर समस्याऐं जानी और समाधान का आश्वासन भी दिया। अधिकतर समाजों की ओर से पहले मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया गया और विधानसभा क्षेत्र की प्रमुख मांगों को गौण करते हुए समाज और जाति के लिए मांगे रखी गई। ऐसी मांगे मुख्यमंत्री के लिए पूरा करना या तो बहुत आसान था या उस जाति के लोग खुद ही जानते थे कि इस मांग पर सिर्फ आश्वासन ही मिल सकता है।
सभी विधानसभाओं में भव्य स्वागत
मुख्यमंत्री ने दौरों के दौरान हरसम्भव हैलिकोप्टर का प्रयोग किया। हैलिपेड पर स्वागत में जिले के नेताओं की जमात मिली और विदाई के दौरान भी नेताओं ने स्वागत सत्कार में कोई कमी नहीं छोड़ी। कई नये नवेले नेताओं ने जमकर हॉर्डिंग लगाये और मुख्यमंत्री का अलवर में स्वागत करने के साथ भाजपा की योजनाओं का प्रचार करते भी नजर आये। मुख्यमंत्री खुद चुनावी मोड में दिखी और नेताओं के साथ ही आम लोगों और अधिकारियों पर गुस्सा होते नहीं दिखी। कई जगहों पर अधिकारियों की भी तारीफ की। साफ नजर आ रहा था कि अधिकारियों को नाराज करके आगामी मिशन उपचुनाव सफलता की ओर नहीं बढ़ सकता है।
क्या प्रयास नजर आये
मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे का ये दौरा पूर्णतया सियासी ही रहा। खुद सीएम ने ये कोशीश की कि जो समस्याऐं आई हैं उनका समाधान हो। लोगों का मूड भांपा जाये ताकि उपचुनाव की घोषणा से पहले मूड को ठीक किया जा सके। ऐसी समस्याओं को फाइन्ड आउट किया जाये जो आम लोगों की जुबान पर हैं और माउथ पब्लिसिटी से भाजपा का नुकसान कर रही हैं। जिले में भाजपा की गुटबाजी पर लगाम लगाने की कोशीश हो ताकि आगामी चुनाव में जीत के आसार बन सकें। समाज के नेताओं को पकड़कर जातीय वोट बैंकों में सेंध लगाई जाये ताकि वोट भले ही पूरी तरह भाजपा को न मिलें पर विपक्ष से भी बिखर जायें।
आगामी चुनाव में भाजपा को क्या लाभ होगा
वसुन्धरा राजे अलवर लोकसभा उपचुनाव को किसी भी कीमत पर हारना नहीं चाहती। केन्द्र में भी राजस्थान के सभी तीन उपचुनाव जीतकर अपना लोहा मनवाना चाहती हैं-
– इस दौरे के बाद भाजपा के कार्यकर्ता रिचार्ज हो गये हैं और चर्चा का केन्द्र बिन्दु प्रत्याशी की बजाय पार्टी हो गया है।
– कांग्रेस एन्टी इन्कम्बेन्सी को लेकर मतदाताओं को अपनी तरफ करने की कोशीश में थी और कांग्रेस को लगता है कि विरोध का वोट कांग्रेस की झोली में आना तय है। दौरे के बाद विरोधी मानसिकता बना चुके मतदाता को लगता है कि कम से कम सरकार सफाई देने आई है, सुधार हो सकता है।
– सरकार ने प्रशासनिक अधिकारियों को साफ संदेश दे दिया है कि चुनाव हैं और ये चुनाव सरकार को लड़ना है। अब तक अटके कामों की फाइल मैराथन करती नजर आनी चाहिए।
– मुख्यमंत्री के नाम पर काफी साल से अटके काम फटाफट होते नजर आयेंगे और सांसद की अमुपस्थिति के कारण भाजपा के प्रति पैल रही नकारात्मकता सकारात्मकता में बदलने की गुंजाइश है।
– ये दौरा सरकार विरोधी भावना और निराश हो चुके कार्यकर्ताओं के लिए एन्टीबायटिक कैप्सूल का काम करेगा।
कुछ तय था तो कुछ की शिकायत भी रही
जनसंवाद कार्यक्रमों के दौरान मुख्यमंत्री ने दूसरे किसी भी कार्यक्रम के लिए वक्त नहीं निकाला। जिले के नेता दौरे के दौरान समय मांग रहे थे लेकिन हरी झण्डी दिखाने के कार्यक्रम के लिए भी मुख्यमंत्री ने हां नहीं की। कार्यक्रम के दौरान टिकिट मांगने और सिफारिश करने की पहले ही मनाही थी। हालांकि कुछ समाजों के लोगों और समर्थकों ने अपने नेताओं का नाम रख दिया। कई समाजों को उचित मंच होने के बावजूद वक्त नहीं मिल पाया और अपनी बात रख पाने में सफल नहीं हो सके। हालांकि समाज के साथ ही निजी काम भी खूब रखे गये और कई लोगों की गलत शिकायतें भी हुई जो जांच की कार्रवाई झेल रहे हैं।
+ There are no comments
Add yours