आप नेता हो तो कभी ऐसी ठोंडागिरी मत करना

मिलने की तुम कोशिश करना, वादा कभी ना करना….

आपको लगेगा कि कहां ठोंडागिरी करते करते गाने बजने लगे हैं लेकिन इस विडियो को देखकर आपको भी यही गाना याद आयेगा। हाँ आपको ठोंडागिरी का अर्थ बताते चलें। मेवात में ठोंडागिरी कहते हैं चौधराहट को …. और मेवात में ये ठोंडागिरी यानि चौधराहट की पुरानी परम्परा है। लेकिन कई बार राजनीति की पाठशाला में बेबूते की ठोंडागिरी होती है तो मामला उल्टा पड़ जाता है। विडियो देखने से ही पता लग जायेगा कि पूरी पंचायत जुड़ी है और सफेद झक्क कुर्ते पायजामे में बैठा एक शख्स अपनी बात रख रहा है। 

गौ-तस्कर उमर मोहम्मद की हत्या पर थी पंचायत

साफ कर देते हैं कि ये पंचायत गोविन्दगढ़ में गौ तस्कर उमर मोहम्मद की हत्या के मामले में जुड़ी है। पुलिस अपनी जांच में ये तय कर चुकी थी कि उमर के दोनों साथी जावेद और ताहिर भी गौतस्कर थे और उनके खिलाफ पहले भी मामले दर्ज हैं। तब ये नेताजी कामां की पूर्व विधायक जाहिदा खान की मौजूदगी में कह रहे हैं कि मेरा भाई वकील है, उसके दस-पंद्रह साथी वकील हैं, आपका एक पैसा कोर्ट में नहीं लगने देंगे। पांच दिन से बेनिवाल का फोन आ रहा है, पैर पकड़ रहा है, लेकिन मुझे पुलिस पर भरोसा नहीं है। अब ये भी जान लो कि ये बेनिवाल कौन हैं.. ये एएसपी अनिल बेनिवाल हैं जो मामले के जांच अधिकारी भी हैं। 


नहीं तो मुझे जूते मारना

इन नेताजी ने इतना ही नहीं कहा थोड़ा ज्यादा भी कह गये । शायद इन्हें लगा होगा कि बात पर लोग भरोसा नहीं करेंगे,  इसलिए बोल गये कि कोर्ट में कोई भी पैसा लग जाये तो मुझे जूते मार लेना। अब आपको ये भी बता दें कि इस पंचायत के बाद पुलिस ने दोनों ही आरोपियों की गिरफ्तारी कर पहले तो पुलिस रिमांड लिया और फिर जेल भेज दिया। परिजन अब जेल और कोर्ट के चक्कर लगा रहे हैं। ये भी सही है कि अलवर में एक मेव नेता के घर ही इन दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी की व्यूह रचना रची गई थी।

अल्पसंख्यक विभाग के जिलाध्यक्ष हैं ये नेताजी

एक तो कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के जिलाध्यक्ष, फिर गौ तस्करों की मदद में रात दिन एक कर दिये और खुद ने कोशीश ही नहीं की वादा किया था। अब ठोंडागिरी किस दिशा में है बूझो तो जानो…..

अब ये विडियो देख और सुन लिजिए-

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