अलवर वालो हवा में उड़ना है तो आ जाओ

मत्स्य उत्सव में यह चल रहा है आकर्षण 

अलवर एक रिकॉर्ड के अनुसार 242 वर्ष का हो गया है। आमेर दरबार के सरदार राव राजा प्रताप सिंह ने पहली बार नवंबर 1775 में नई रियासत की नींव रखी थी। 242 साल पहले रियासत की राजधानी के रूप में अलवर शहर का नाम दर्ज हुआ था। अरावली की तलहटी में राव राजा प्रताप सिंह बख्तावर सिंह और उनके बाद बन्ने सिंह यानी विनय सिंह ने अपने महल, बाजारों और मंदिरों के साथ वह तमाम सुविधाएं जुटाने की कोशिश की जो एक शहर में होनी चाहिए। हर वर्ष शहर का फैलाव बढ़ रहा है जिसे दशकों में बांटें तो नजर भी आने लगता है।

इंदिरा गांधी स्टेडियम में चल रही एक्टिविटीज 

साईं सेंटर वाले इंदिरा गांधी स्टेडियम में अलवर के स्थापना दिवस पर कई एक्टिविटी चल रही हैं। परंपरागत खेल जारी हैं और युवक-युवतियां हाथ आजमा रहे हैं। आप यहां आकर अच्छा ही महसूस करेंगे। साथ ही सबसे बड़ा आकर्षण है यहां हॉट एयर बैलून जिसमें शहर को थोड़ा ऊंचाई से देखने,  हवा में उड़ने का एहसास करने का कोई पैसा भी नहीं देना है। महल चौक में कवि सम्मेलन हो गया है। 27 नवंबर को लखविंदर सिंह वडाली अपना कार्यक्रम पेश करेंगे, जो मत्स्य उत्सव का सबसे बड़ा कार्यक्रम है। संडे को सफारी भी कर सकते हैं सरिस्का के सदर गेट से सौ रुपए देकर कांकवाड़ी फोर्ट जा सकते हैं। छुट्टी के दिन यह आपके लिए अलग अनुभव होगा।

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