क्या पक रहा है डा. जसवन्त यादव और धर्मपाल चौधरी में

क्या पक रहा है डा. जसवन्त यादव और धर्मपाल चौधरी में 

अलवर में उपचुनाव को लेकर गहमागहमी है..हर शख्स चुनावी गंगा में डुबकी लगाने को तैयार है और राजनेताओं के रिश्ते भी बन बिगड़ रहे हैं। जिले में मजबूत राजनीतिज्ञों में अपनी पहचान रखने वाले डा. जसवन्त यादव जो अभी मजदूर और कामकाजी महकमे के मंत्री भी हैं किसी भी तरह अपने पुत्र को राजनीति का कामकाज दिलाने पर अड़े हैं। इसी संदर्भ में मुण्डावर में एक रोजगार मेले का आयोजन किया गया जिससे बेटे की राजनीति चमकाई जा सके।

मंत्री बनने के बाद जसवन्त यादव

मुण्डावर इलाका है विधायक धर्मपाल चौधरी का जो डा. जसवन्त यादव के धुर विरोधी रहे हैं और डा. रोहिताश्व शर्मा के खेमे के माने जाते हैं। लेकिन इस रोजगार मेले में वे ना केवल मंच पर रहे बल्कि डा. जसवन्त यादव को बधाई देते नजर आये।

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 इससे पहले नीमराणा में एक कार्यक्रम में दोनों का प्रेम जगजाहिर हो गया था और समर्थकों की बाहें तन गई थी। अभी इन गलबहियों की चर्चाऐं राजनीतिक गलियारों में ठीक से चर्चित भी नहीं हुई थी कि विधायक धर्मपाल चौधरी ने दिमाग के उसी खांचे से जवाब दे दिया-

आप सुन लिजिए-

“जो मेला लगा, उस मंच से ये घोषणा करना कि चुनाव ये लड़ेगा….. अब तक किसी पार्टी से किसी कन्डीडेट को टिकिट नहीं मिला। रोजगार मेले के लिए उनको बधाई ,लेकिन पार्टी किसको टिकिट देगी ये पार्टी का फैसला है …..किस हैसियत से उनके बेटे ने भाषण दिया वहां, ये सरासर गलत है और कितने बच्चों को नौकरी…. पहले जो कैम्प लगाये हैं उनके माध्यम से किन बच्चों को नौकरी मिली है। वो पहले कह चुके हैं कि ये कम्पनी बाहर के लोगों को नौकरी पर रखती है। वो श्रम मंत्री हैं और आज तक बहरोड़ में 15 आदमी भी नौकरी पर नहीं लग पाये। अब 8000 में तमिलनाडु चला जा या गुड़गांव में नौकरी कर ले….. ये हमारे बच्चों के लिए सम्भव नहीं है। ऐसे मंच से अनर्गल बातें करना सरासर गलत है।”

धर्मपाल चौधरी, विधायक मुण्डावर

धर्मपाल चौधरी भाजपपा के विधायक हैं, डा. जसवन्त यादव से आपसी पुराना झगड़ा है, लेकिन एक सच जो जनता कह रही थी ये विधायक साहब भी कह बैठे और पार्टी का ख्याल बाद में आया। भाजपा अगले चुनाव में रोजगार देने का मुद्दा भी भुनाना चाहती है। ये वो काम है जो भाजपा और उसके मंत्रियों से हो नहीं पाया, लेकिन मीडिया ने लाखों रोजगार देने का इतना ढिंढोरा पीटा कि खुद पार्टी को कुछ सच्चाई नजर आने लगी है। बाकि जिन 15 लोगों को रोजगार मिला है वो उपचुनाव में प्रचार तो करेंगे ही।

एक बेटा धर्मपाल चौधरी के भी है

minister’s son mohit yadav

दरअसल बेटे मोहित यादव को राजनेता बनाने के लिए जितने उतावले डा. जसवन्त यादव हैं उतने ही उतावले धर्मपाल चौधरी भी हैं जो अपने बेटे को राजनेता बनाना चाहते हैं और दोनों तरफ का ये पुत्र मोह विरोधियों को नजदीक लाने का काम कर रहा है।  काफी दिनों से चौधरी डा. जसवन्त के खिलाफ बयानबाजी नहीं कर रहे हैं। सुना है कि दोनों के बीच खिचड़ी पक रही है और धर्मपाल चौधरी के समर्थक समझा रहे हैं कि डा. रोहिताश्व शर्मा ने अब तक विरोध का लाभ उठाया है आपको मिला क्या है। अब एक दूसरे के बेटे की पैरवी कर लो। 

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